प्राइम टाइम इंट्रो : बिहार के विकास पर सियासत, क्या भाषा की मर्यादा लांघी जा रही है?
जब से सवा लाख करोड़ की बात चली है तब से वो भी हिसाब जोड़ने में लगे हैं जो सवा रुपया भी ठीक से गिन नहीं पाते। स्लेट निकाल कर जोड़ा जा रहा है क्या सवा लाख करोड़ बिल्कुल टटका अमाउंट है या पुरनको जोड़ दिया है।
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